उत्तर प्रदेशः प्राकृतिक खेती कार्यक्रम
भारत देश सदियों से कृषि प्रधान देश रहा है, जो कि ऋषि-कृषि संस्कृति पर आधारित है। आधुनिक भौतिकवादी युग में भारतीय प्राचीन सभ्यता में निहित प्रकृति प्रदति कृषि पद्धति विलुप्त होती जा रही है। फलस्वरुप, प्रकृति एवं मानव स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम परिलक्षित होने लगे है, जिसके निवारण हेतु भारत एवं राज्य सरकार द्वारा रसायन एवं पेस्टीसाइड मुक्त प्राकृतिक खेती का कार्यक्रम देश भर में चलाया जा रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा महत्वपूर्ण योगदान किया जा रहा है। प्रदेश में प्रगतिशील कृषकों द्वारा विभिन्न स्वरुप में गौ आधारित प्राकृतिक खेती विधा से खेती की जा रही है, जिसें प्रदेश में वृहद स्तर पर अपनाने हेतु राज्य सरकार द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किये जा रहे है।
योजना के उद्देश्य
- मृदा स्वास्थ्य में सुधार करने के उद्देश्य से जीवांश कार्बन को बढ़ाना।
- पर्यावरण संतुलन को कायम रखते हुए कम लागत वाली कृषि तकनीकी अपनाकर खेती करना।
- कृषि रसायन मुक्त कृषि उत्पादों का उत्पादन।
- कृषि को लाभकारी बनाना एवं कृषकों के आर्थिक स्तर में सुधार कर खेती को सम्मानजनक बनाना।
- प्राकृतिक खेती अपनाकर कृषि उत्पादन को स्थायित्व प्रदान करना।
- कृषि निवेशों के मामले में किसानों को आत्मनिर्भर बनाना।